कड़ी सुरक्षा व्यवस्था के बीच मतदान कर्मी पोलिंग बूथ तक ले जाए गए।
- पिछले 30 साल में हुए 14 चुनावों का रिकाॅर्ड तोड़ने का मौका
- 2015 के चुनाव में केवल 1.14 प्रतिशत रहा था अंतर
सातवीं विधानसभा के लिए दिल्ली के 1.47 करोड़ मतदाता शनिवार काे 70 विधायक चुनेंगे। आपके पास चुनाव के पिछले 30 साल में हुए में 14 चुनावों का रिकाॅर्ड तोड़ने का मौका है। विस में सबसे ज्यादा 67.12% वोटर 2015 में अपना विधायक चुनने निकले थे। अबकी बार ना सिर्फ विधानसभा चुनाव में नया रिकार्ड बनाने बल्कि सिर्फ एक फीसदी ज्यादा निकलते हैं तो पहली बार एक करोड़ वोट दिल्ली के किसी भी चुनाव में पड़ने का रिकार्ड बन जाएगा। दिल्ली की सात सीटों के लिए सबसे कम 1999 के लोकसभा में 43.54 फीसदी और विधानसभा 1998 में 48.99 फीसदी वोटर ही घर से निकलें थे।
जबकि लोकसभा के 1991 से अब तक हुए 8 चुनाव में सबसे अधिक 2014 में 65.10 फीसदी वोटर बूथ तक पहुंचे और वोट किया। दिल्ली के सामने 1977 के लोकसभा चुनाव में 71.31% वोटर के निकलने का रिकार्ड तोड़ने का भी है। हालांकि 1993 में जहां पुरुषों के मुकाबले महिलाओं का वोटिंग प्रतिशत 6 फीसदी कम था, वहीं पिछले विधानसभा चुनाव में ये अंतर महज 1.14 फीसदी रह गया है। यानी महिलाओं ने अगर दमदारी दिखाई तो वोटिंग में आगे निकलकर दिल्ली के दंगल में रिकार्ड अपने नाम करा सकती हैं।
दिल्ली विस में 1993 से 2015 तक का वोटिंग ट्रेंड
विस | पुरुष | महिला | कुल |
1993 | 64.56 | 58.27 | 61.75 |
1998 | 50.89 | 46.41 | 48.99 |
2003 | 54.89 | 51.53 | 53.42 |
2008 | 58.34 | 56.62 | 57.58 |
2013 | 66.03 | 65.14 | 65.63 |
2015 | 67.63 | 66.49 | 67.12 |
- 23 विधानसभा सीटों पर इस बार कोई भी महिला प्रत्याशी चुनाव मैदान में नहीं है।
- सबसे वृद्ध मतदाता ग्रेटर कैलाश की चितरंजन पार्क निवासी 110 वर्षीय महिला कालीतारा मंडल हैं।