फर्रुखाबाद / हर बच्चे को रिहा करने के 1-1 करोड़ रुपए मांग रहा था बदमाश सुभाष, आवास-शौचालय न मिलने से नाराज था: डीएम

  • कलेक्टर बोले- मारे जाने से पहले जिला प्रशासन के सामने अजीबोगरीब मांगे रख रहा था सुभाष

  • ‘कभी घर को विस्फोटक से ब्लास्ट करने की तो कभी सबको मारने की धमकी दे रहा था’

  • पुलिस का दावा- हत्यारे ने भारी मात्रा में कारतूस-बारूद इकट्‌ठा कर रखा था, वह 3 दिन तक मोर्चा ले सकता था


फर्रुखाबाद/ लखनऊ. जिले के काकरथिया गांव में गुरुवार शाम 23 बच्चों को बंधक बनाने वाला बदमाश बच्चों को छोड़ने के एवज में हर बार नई मांग कर रहा था। यह खुलासा डीएम मानवेंद्र सिंह ने किया। उन्होंने बताया कि बदमाश सुभाष अजीबोगरीब मांगे कर रहा था। पहले वह अपने लिए आवास-शौचालय की मांग कर रहा था मगर बाद में बोलने लगा कि हर बच्चे के एक करोड़ रुपए के हिसाब से कुल 23 करोड़ रुपए दो तो सभी को छोड़ दूंगा।


डीएम सिंह ने कहा- अपनी मांग मंगवाने के लिए कभी वह बच्चों को जान से मारने की धमकी देता तो कभी विस्फोटक से घर को ब्लास्ट करने की चेतावनी देता। हालांकि, इस बीच पुलिस ने बदमाश से कहा था कि वह बच्चों को छोड़ दे तो उसे आवास-शौचालय दिलवा देंगे मगर इसके बाद उसकी मांग लगातार बढ़ती गई।


सुभाष ने दोस्त को ही पैर में गोली मार दी


सुभाष ने बातचीत के लिए विधायक को भी बुलाने की रट लगा ली थी। गांव वालों ने सुभाष के करीबी दोस्त को बातचीत के लिए भेजा तो उसने दोस्त को ही पैर में गोली मार दी थी, जिसके बाद लोगों में दहशत बढ़ गई। पुलिस ने किसी तरह उसे बातों में उलझाया और पीछे के रास्ते दरवाजा तोड़कर घर में घुसी। इस दौरान सुभाष ने पुलिस पर गोलीबारी की, जवाबी कार्रवाई में वह मारा गया।


सुभाष ने 2001 में उसके मौसा की हत्या की थी


एएसपी त्रिभुवन सिंह ने बताया कि गुरुवार को बच्चों को बंधक बनाकर चर्चा में आया सुभाष बाथम पड़ोसी की हत्या के आरोप में जेल में था। उसने 2001 में अपने मौसा की हत्या कर दी थी, जिसके बाद उसे कोर्ट ने आजीवन कारावास की सजा सुनाई थी। वह 10 साल तक जेल में रहा। हाईकोर्ट से जमानत मिलने पर बाहर आया था।


वह पुलिस से 3 दिन तक मोर्चा ले सकता था- आईजी


इससे पहले आईजी मोहित अग्रवाल ने बताया था कि बच्चों को घर में बंधक बनाने वाले अपराधी सुभाष बाथम के घर से राइफल, गोला-बारूद और भारी मात्रा में कारतूस मिले हैं। उसके पास इतना गोला-बारूद और कारतूस था कि वह पुलिस से तीन दिन तक मोर्चा ले सकता था। वह ज्यादा वक्त तक पुलिस को इंगेज कर सके, इसलिए ज्यादा फायरिंग नहीं कर रहा था। पुलिस कार्रवाई के बीच बाथम की पत्नी रूबी की भी ग्रामीणों ने पिटाई कर दी थी, जिसमें वह बुरी तरह घायल हो गई। अस्पताल में इलाज के दौरान रूबी की मौत हो गई।


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