फाइनेंस बिल 2020 / प्रवासी भारतीयों पर टैक्स को लेकर सरकार की सफाई, विदेशों में कमाई रकम पर कर नहीं लगेगा


  • फाइनेंस बिल 2020 में सरकार ने एनआरआई स्टेटस के नियम बदल दिए हैं।





  • मिडिल ईस्ट में कामगार के तौर पर गए नागरिकों को भारत में टैक्स नहीं देना होगा

  • नॉन रेजिडेंट इंडियन का दर्जा पाने के लिए साल में 245 दिन देश से बाहर रहना होगा


नई दिल्ली. बजट में फाइनेंस बिल 2020 में प्रवासी भारतीय नागरिकों (एनआरआई) के लिए बनाए गए नए टैक्स नियमों पर सरकार ने सफाई दी है। वित्त मंत्रालय ने कहा है कि नागरिकों को देश के बाहर कमाई रकम पर टैक्स नहीं चुकाना पड़ेगा। हालांकि, इसमें यह शर्त जोड़ी गई है कि यह रकम किसी भारतीय व्यापार या व्यवसाय से कमाई गई नहीं होनी चाहिए। सरकार ने यह भी कहा कि जरूरत पड़ने पर कानून में इससे संबंधित स्पष्टीकरण भी जोड़ा जाएगा। सरकार को यह सफाई इसलिए देनी पड़ी, क्योंकि नए नियम में भारतीय नागरिकों की 'ग्लोबल इनकम'पर भारत में टैक्स लगाने की बात कही गई है।


एनआरआई को लेकर फाइनेंस बिल 2020 में कहा गया है कि भारतीय नागरिकों की दुनिया भर में हुई कमाई (ग्लोबल इनकम) पर भारत में टैक्स लगाया जाएगा। इसका मतलब यह है कि ऐसे भारतीय जो दुनिया में किसी और कानून के तहत या किसी देश में टैक्स नहीं चुका रहे हैं, उन पर देश के अन्य नागरिकों की तरह ही टैक्स कानून लागू होंगे।


विदेश में काम कर रहे नागरिकों पर टैक्स नहीं


सरकार ने कहा है कि नए प्रावधान में उसका उद्देश्य ऐसे भारतीय नागरिकों को लोगों को टैक्स के दायरे में लाने का नहीं है, जो वास्तव में काम करने के लिए विदेश गए हैं। सरकार ने साफ किया कि उसका मिडिल ईस्ट (सऊदी अरब, दुबई जैसे देश) में काम करने के लिए गए भारतीय नागरिकों से टैक्स वसूलने का कोई इरादा नहीं है। यह कहना गलत होगा कि उन नागरिकों पर वहां टैक्स नहीं लगता है, इसलिए भारत में उन्हें टैक्स देना होगा।


एनआरआई स्टेटस के नियमों में बदलाव


आधिकारिक सूत्रों के मुताबिक, सरकार ने यह पाया कि टैक्स से बचने के लिए कुछ भारतीय नागरिक कम या शून्य टैक्स कानूनों वाले देशों में रहने लगते हैं। ऐसे लोगों को देश की कर प्रणाली में खामियों का फायदा उठाने से रोकने के लिए सरकार ने एनआरआई स्टेटसके प्रावधानों मेंबदलाव किया है। मौजूदा व्यवस्था के मुताबिक, अगर कोई भारतीय नागरिक भारत से 182 दिनों से ज्यादा दुनिया के किसी दूसरे देश में रहता है, तो उसे प्रवासी भारतीय (नॉन रेजिडेंट इंडियन) का दर्जा मिल जाता है। नए प्रावधानों के मुताबिक, नॉन रेजिडेंट स्टेटस के यह जरूरी होगा कि वह साल में 120 दिन से ज्यादा देश में न रहे। इसका मतलब यह है कि एनआरआई दर्जे के लिए साल में 245 दिन देश से बाहर रहना होगा।



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