- जवाहर गृह निर्माण सहकारी संस्था के पीड़ितों ने की थी सामूहिक आत्मदाह करने की घोषणा
- पिछली जनसुनवाई में सूदखाेरों से परेशान दंपति ने बेटियों के साथ आत्मदाह की कोशिश की थी
इंदाैर. आत्महत्या की कोशिश जैसी घटनाओं के बाद मंगलवार काे डीआईजी की जनसुनवाई में नई व्यवस्था देखने को मिली। यहां फरियाद लेकर आने वाले पीड़ितों को पहले कड़ी सुरक्षा व्यवस्था से गुजरना पड़ा। यहां तैनात पुलिसकर्मियों ने महिला-पुरुष सभी के बैग से लेकर अन्य सामान चेक किए। यह सुरक्षा इसलिए भी थी, क्योंकि जवाहर नगर के पीड़ितों ने प्लाॅट नहीं मिलने के बाद जनसुनवाई में सामूहिक आत्मदाह करने की बात कही थी। सुबह बड़ी संख्या में पीड़ित बैनर-पोस्टर लेकर डीआईजी ऑफिस के सामने पहुंचे और प्रदर्शन किया।
कई सालों से अपने हक की लड़ाई लड़ रहे पीड़ित मोहनलाल मालवीय, जितेंद्र चौहान, शकुंतला सतवासकर, राजेश अग्रवाल, विजय श्रीवास्तव ने बताया कि हम 10 सालों से अपने हक की लड़ाई लड़ रहे हैं। जवाहर नगर गृह निर्माण सहकारी संस्था से हमने प्लाट लिए थे। प्लॉट की पूरी कीमत और दो बार विकास शुल्क दिया, आवंटन पत्र, अंश प्रमाण पत्र मिलने के बाद भी हमें संस्था अध्यक्ष अनिल जायसवाल, भागवंती पाणेरी और सपना पाणेरी ने प्लाट नहीं दिए। संस्था में कर्मचारी भागवंती पाणेरी ने करोड़ों की जमीन हड़प कर अपने नाम कर ली। उसने मित्रों, रिश्तेदारों और बिल्डरों को भी जमीन बेच दी, लेकिन असल मालिकों को इससे वंचित रखा। जमीन के जरिए संस्था में करोड़ों का भ्रष्ट्राचार किया गया। उन्होंने कहा कि यदि पुलिस-प्रशासन उनकी मदद नहीं करते हैं तो वे सामूहिक आत्मदाह के लिए मजबूर हो जाएंगे।
पिछली जनसुवाई में एक पीड़ित परिवार ने की थी आत्मदाह की कोशिश
पिछली जनसुनवाई में सूदखाेरों से परेशान दंपति अपनी दो बेटियों के साथ डीआईजी की जनसुनवाई में फरियाद लेकर पहुंचे थे। दंपति साथ में केरोसिन की केन लेकर पहुंचे थे, उन्होंने यहां न्याय की मांग करते हुए खुद पर केरोसिन डालकर आग लगाने की कोशिश की थी। पुलिस ने मशक्कत के बाद केन छुड़ाई थी। इसी बात को देखते हुए प्लाॅट पीड़ितों की घोषणा के बाद छोटी ग्वालटोली थाना प्रभारी डीवीएस नागर अपनी टीम के साथ सुबह से ही डीआईजी ऑफिस पर तैनात थे। उन्होंने यहां आने वालों की सख्ती से चेकिंग की, इसके बाद ही भीतर दाखिल होने दिया।