- सेना से रिटायर्ड मनीष चौपड़ा छुटि्टयों में नरसिंहगढ़ में ट्रेनिंग देते थे
- मनीष के मार्गदर्शन में नगर के 47 युवा और 7 युवतियां रक्षा सेवा में पहुंचे
नरसिंहगढ़ में भारतीय थल सेना में 17 वर्ष सेवा देने के बाद रिटायर होकर घर लौटे मनीष चौपड़ा का सोमवार को लोगों ने भव्य स्वागत किया। उन्हें घोड़े पर बिठाकर नगर में घुमाया गया और जगह-जगह पुष्पवर्षा कर स्वागत किया गया। महिलाओं ने उनकी आरती उतारी। बस स्टैंड परिसर में एक मंच सजाकर कार्यक्रम रखा गया। यहां भारत माता का चित्र रखा गया था।
मनीष ने सेवा में रहते हुए छुट्टियों के दौरान नरसिंहगढ़ के युवाओं को सेना में भर्ती के लिए प्रशिक्षण दिया जिनमें से 47 युवा सेना में सेवाएं दे रहे हैं। 7 युवतियां भी मनीष के प्रशिक्षण के बाद सेना में भर्ती हो चुकी हैं। मनीष ने नगर में प्रवेश करने के बाद सबसे पहले भारत माता की पूजा की। मौजूद लोगों ने फूलमालाओं से उनका सम्मान किया। इसके बाद उन्हें घोड़े पर बैठाकर नगर के रास्तों से होते हुए उनके घर तक ले जाया गया। रास्ते में जगह-जगह उनका विजय तिलक कर और आरती उतारकर सम्मान किया गया। मनीष ने सेवाकाल के दौरान देश की उत्तर, पूर्वी और पश्चिमी सीमाओं पर ड्यूटी दी है।
लहराते तिरंगों के बीच गूंजे भारत माता के जयकारे
सम्मान के दौरान उनके साथ फोटो खिंचवाने और सेल्फी लेने के लिए भी बड़ी संख्या में लोग आगे आते रहे। पूरे रास्ते देशभक्ति के गीत और नारे गूंजते रहे। लहराते तिरंगों के बीच बार-बार भारत माता के जयकारों से पूरा माहौल देशभक्ति से भर गया।
महापुरुषों को नमन किया
शहर में प्रवेश के पहले मनीष ने हाइवे पर स्थित मारुतिनंदन मंदिर में दर्शन किए और भगवान हनुमानजी का आशीर्वाद लिया। इसके बाद विजय जुलूस के दौरान भी उन्होंने रास्ते में चौराहों पर स्थापित अमर शहीद कुंवर चैन सिंह और नेताजी सुभाषचंद्र बोस की प्रतिमाओं को सैल्यूट किया।
युवाओं के बीच खासा सम्मान है मनीष का
मनीष अपने सेवाकाल के दौरान जब भी छुट्टियों में शहर में आते थे, युवाओं को सेना में भर्ती के लिए निशुल्क प्रशिक्षण देते थे। उनके तैयार किए हुए लगभग 70 युवा इस समय भारतीय सेना में चयनित होकर सेवाएं दे रहे हैं। पिछले वर्ष उन्होंने 7 युवतियों को भी प्रशिक्षण दिया, जिनका भारतीय सेना में चयन हुआ है। आने वाले समय में भी वे स्थानीय युवाओं को सेना भर्ती के लिए प्रशिक्षण देंगे। इस वजह से उनका युवाओं के बीच खास सम्मान है।