बिलोचिस्तान में 200 साल पुराना हरि मंदिर, जिसे महाशिवरात्रि के लिए खोल दिया गया।
- 117 साल बाद महाशिवरात्रि पर बन रहा है स्वराशि में शनि और उच्च राशि में शुक्र का दुर्लभ योग
- एक्यू ट्रस्ट प्रापर्टी बोर्ड के एडिशनल सेक्रेटरी फराज अब्बास ने बताया- हिंदू भाईचारे के लिए हर तरह की व्यवस्था की जा रही
अमृतसर. पड़ोसी मुल्क पाकिस्तान भी इस बार महाशिवरात्रि पर्व मनाने के लिए उत्सुक नजर आ रहा है। बंटवारे के बाद पहली बार कटासराज मंदिर खाेला गया है। दूसरी ओर, 117 साल बाद महाशिवरात्रि (21 फरवरी) पर दुर्लभ योग बन रहा है। पाकिस्तान में अभी से ही तैयारियां शुरू कर दी गई हैं।
दरअसल, महाशिवरात्रि शिव और शक्ति के मिलन की रात का पर्व है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, शिवरात्रि की रात आध्यात्मिक शक्तियां जागृत होती हैं। इस बार पर्व के मौके पर शनि अपनी खुद की राशि मकर में और शुक्र अपनी उच्च राशि मीन में रहेगा। यह दुर्लभ योग आज से 117 साल पहले 1903 ईसवी में बना था। दूसरी ओर, भारत-पाकिस्तान के रिश्तों में तल्खी के बीच महाशिवरात्रि का पर्व इन सब बातों से अछूता ही रहेगा।
बिलोचिस्तान में 200 साल पुराने हरि मंदिर को शुक्रवार को महाशिवरात्रि के लिए खोल दिया गया है। इसी तरह इस्लामामबाद में भी हाल ही में बने शिव मंदिर को शिवभक्तों के लिए खोल दिया गया है। इसके अलावा पेशावर, मुजफराबाद, लाहौर के कृष्णा और वाल्मीकि मंदिर, रावलपिंडी के इसी नाम के दाे और मंदिरों में भी महायावरात्रि पर्व मनाया जाएगा। बताया जाता है कि इन जगहों पर अल्पसंख्यकों के अलावा मुस्लिम समुदाय के लोग भी शामिल होते हैं।
कटासराज में भी तैयारियां जारी
पाकिस्तान के चकवाल जिला स्थित कटासराज में महाशिवरात्रि पर्व मनाने के लिए तैयारियां जोर-शोर से चल रही हैं। एक्यू ट्रस्ट प्रापर्टी बोर्ड के एडिशनल सेक्रेटरी फराज अब्बास ने बताया कि हिंदुस्तान से आने वाले हिंदू भाईचारे के लिए हर तरह की व्यवस्था की जा रही है। सरोवर और आसपास साफ-सफाई का काम शुरू किया गया है। अब्बास का कहना है कि दूसरी जगहों के मंदिरों के लिए भी सरकार खास बंदोबस्त कर रही है।