राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद के अभिभाषण के साथ ही गुरुवार से संसद का बजट सत्र शुरू हो गया. राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने संसद के संयुक्त सत्र को संबोधित किया.
इससे पहले गुरुवार को सर्वदलीय बैठक हुई थी. सर्वदलीय बैठक में नागरिकता संशोधन क़ानून और एनआरसी को लेकर काफ़ी तल्खी रही.
ऐसे में बजट सत्र में भी संसद में काफ़ी तल्खी रह सकती है. एनआरसी और सीएए को लेकर एनडीए की सहयोगी पार्टी शिरोमणि अकाली दल और कई मौक़ों पर मोदी सरकार का साथ दे चुकी बीजेडी भी अब ख़िलाफ़ है.
अपने अभिभाषण में राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने कहा, ''यह दशक भारत के लिए बहुत महत्वपूर्ण है. इस दशक में, हमारी स्वतंत्रता के 75 वर्ष पूरे होंगे. मेरी सरकार के प्रयासों से पिछले पाँच वर्षों में इस दशक को भारत का दशक और इस सदी को भारत की सदी बनाने की मजबूत नींव रखी जा चुकी है.''
राष्ट्रपति ने अपने अभिभाषण में कहा, ''हमारा संविधान, इस संसद और इस सदन में उपस्थित प्रत्येक सदस्य से राष्ट्रहित को सर्वोपरि रखते हुए देशवासियों की आशाओं-आकांक्षाओं की पूर्ति करने और उनके लिए आवश्यक क़ानून बनाने की अपेक्षा भी रखता है. मुझे प्रसन्नता है कि पिछले 7 महीनों में संसद ने काम करने के नए कीर्तिमान स्थापित किए हैं. इस लोकसभा के पहले सत्र में, सदन द्वारा कार्य निष्पादन, पिछले सात दशकों में एक नया रिकॉर्ड रहा है.''
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सर्वदलीय बैठक में कई राज्यों ने शिकायत की है कि उन्हें जीएसटी का अफना हिस्सा नहीं मिल रहा है. बीजेडी नेता पिनाकी मिश्र ने आरोप लगाया कि राज्यों का हिस्सा नहीं दिया जा रहा है और उन्हें दिल्ली आने पर मजबूर किया जा रहा है.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इस बैठक के बीच में आए थे. उन्होंने विपक्षी पार्टियों से आग्रह किया कि देश की अर्थव्यवस्था को दुरुस्त करने के लिए मिलकर काम करने की ज़रूरत है. पीएम ने ये भी कहा है कि वो संसद में हर सवाल का जवाब देने के लिए तैयार हैं. संसदीय कार्यमंत्री प्रह्लाद जोशी ने कहा है कि बजट सत्र में 45 बिल और दो अध्यादेश पास होने हैं