मौन रखकर दी बापू को श्रंद्धाजलि, गांधी तुम्हें नमन पर हुई संगोष्ठी राष्ट्रपिता महात्मा गांधी दिव्य दृष्टा.
मौन रखकर दी बापू को श्रंद्धाजलि, गांधी तुम्हें नमन पर हुई संगोष्ठी
राष्ट्रपिता महात्मा गांधी दिव्य दृष्टा थे। उन्हें मालूम था कि आजादी के बाद भौतिकवाद आएगा। इस कारण देश में अशांति का माहौल बन सकता है। इसे ध्यान में रखकर बापू ने पूरे विश्व को अहिंसा का संदेश दिया। इस संदेश पर हथियार बनाने वाले बड़े देशों से लेकर भारत के लोगों को अमल करने की जरूरत है। यह बात गुरुवार को पीजी कॉलेज में आयोजित गांधी स्मारक के लोकापर्ण कार्यक्रम में विधायक रघुराज कंषाना कह रहे थे।
इस अवसर पर एडीएम एसके मिश्रा, प्राचार्य सीएल गुप्ता, डॉ विनायक सिंह तोमर सहित 200 से अधिक छात्र उपस्थित रहे। इससे पूर्व सुबह 10.58 बजे घंटी बजाकर दो मिनिट का मौन रखा गया तब 11 बजे गांधी स्मारक का लोकापर्ण किया गया।
10 फीट के चबूतरे पर बनाए गए हैं गांधी स्तंभ
जिले के सभी सरकारी कॉलेजों में 10 बाय 10 के चबूतरे पर गांधी स्मारक का निर्माण कराया गया है। जहां 4 फीट लंबे स्तंभ पर ढाई फीट ऊंची एवं ढाई फीट चौड़ी गांधी प्रतिमा स्थापित कराई गई है। स्तंभ के चारों ओर 2 फीट चौड़ाई की जमीन छोड़ी गई है जहां विभिन्न प्रकार के फूल व पौधे लगाए जा रहे हैं।
गर्ल्स कॉलेज में गांधी स्तंभ का लोकपर्ण होने के बाद सभी छात्राओं को गांधीजी के जीवन पर आधारित डॉक्यूमेंट्री दिखाई गई। इसके बाद कक्ष क्रमांक 3 में गांधी तुम्हें नमन विषय पर संगोष्ठी का आयोजन किया गया। इस अवसर पर बीकॉम की छात्रा नेहा जैन ने कहा कि अहिंसा के पुजारी महात्मा गांधी की हत्या 30 जनवरी 1948 को नाथूराम गोडसे से ने गाली मारकर की थी। इस अवसर पर कांग्रेस पार्टी के प्रवकक्ता राजेंद्र यादव, अब्दुल रहमान अब्बासी, कमल गुप्ता, रामदास राठौर, प्रचार्य रीता मदान प्रमुख रूप से उपस्थित थे।
बानमोर व कैलारस कॉलेजों में स्वयं के भवन का अभाव इसलिए नहीं हुआ गांधी स्मारक का लोकार्पण
राज्य शासन एवं उच्च शिक्षा विभाग के निर्देशानुसार 30 जनवरी को जिले के सभी सरकारी कॉलेजों में राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के स्मारक का लोकार्पण करना था। जिसके तहत शहर के पीजी व गर्ल्स कॉलेज के अलावा पीजी कॉलेज अंबाह, डिग्री कॉलेज पोरसा, जौरा एवं नेहरू डिग्री कॉलेज सबलगढ़ मेें गुरुवर को गांधी स्तंभ का लोकापर्ण किया गया है। लेकिन बानमोर शहर व कैलारस शहर के महाविद्यालय के पास स्वयं का भवन उपलब्ध नहीं होने के कारण वहां गांधी स्तंभ का लोकापर्ण नहीं हो पाया। इस संबंध में शासन के आदेश थे कि सभी जगह लोकार्पण होना है।
बापू ने कहा- अहिंसा का मार्ग विजेता बनाता है
आज गांधीजी का शरीर भले ही नष्ट हो गया हो, लेकिन उनके विचार आज भी दुनियां में जीवित हैं हमें आज भी विजेता बनाते है। आज भी देश दुनियां में वंचितों, शोषितों को जब अपने अधिकारों की जंग लड़नी होती है तो वे गांधीजी के बताए आंदोलन की राह पर चलकर अपना हक हासिल करते हैं।
कार्यक्रम में बाधा बना बीएड परीक्षा का पेपर
गुरुवार को सुबह 9 से 12 बजे बीएड तृतीय सेमेस्टर का अंतिम पेपर था। इस कारण पीजी व गर्ल्स कॉलेज में एक हजार से अधिक छात्र-छात्राएं परीक्षा देने आए थे। परीक्षा का समय होने के कारण गांधी स्तंभ लोकापर्ण कार्यक्रम में माईक व साउंड का इस्तेमाल नहीं किया गया।
गर्ल्स कॉलेज में मौन धारण कर श्रंद्धाजलि देते प्रोफेसर व छात्राएं ।
मुरैना पीजी कॉलेज में गांधी स्तंभ का लोकार्पण करते विधायक कंषाना।